टीनएजर्स के दिमाग पर कोविड का असर
नए शोध में हुआ खुलासा
हाल ही में हुए एक शोध में पता चला है कि कोविड महामारी का टीनएजर्स के दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिल्स के शोधकर्ताओं ने पाया कि महामारी के दौरान टीनएजर्स के दिमाग के कुछ हिस्सों में सिकुड़न आई है, खासकर उन हिस्सों में जो भावनाओं को नियंत्रित करते हैं और निर्णय लेने में मदद करते हैं।
महामारी का असर
शोधकर्ताओं ने 16 से 19 वर्ष की आयु के 111 स्वस्थ टीनएजर्स के दिमाग का स्कैन किया। उन्होंने पाया कि जिन टीनएजर्स ने महामारी के दौरान सामाजिक दूरी का पालन किया, उनके दिमाग के कुछ हिस्सों में उन टीनएजर्स की तुलना में सिकुड़न आई, जो सामाजिक दूरी का पालन नहीं करते थे। सामाजिक रूप से अलग-थलग रहने वाले टीनएजर्स के दिमाग में सिकुड़न एमिग्डाला और हिप्पोकैंपस में देखी गई, ये दोनों हिस्से भावनाओं और निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भावनाओं पर असर
शोध में यह भी पाया गया कि सामाजिक रूप से अलग-थलग रहने वाले टीनएजर्स में नकारात्मक भावनाओं को नियंत्रित करने और निर्णय लेने की क्षमता में कमी देखी गई। एमिग्डाला भावनाओं को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जबकि हिप्पोकैंपस निर्णय लेने में मदद करता है। इन हिस्सों में सिकुड़न से टीनएजर्स के लिए नकारात्मक भावनाओं को नियंत्रित करना और अच्छे निर्णय लेना मुश्किल हो सकता है।
निष्कर्ष
यह शोध महामारी के टीनएजर्स के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डालता है। सामाजिक दूरी और अलगाव ने टीनएजर्स के दिमाग के कुछ हिस्सों में सिकुड़न का कारण बना है, जिससे भावनाओं को नियंत्रित करने और निर्णय लेने की उनकी क्षमता कम हो गई है। इस शोध के नतीजे बताते हैं कि महामारी के दौरान टीनएजर्स के मानसिक स्वास्थ्य का समर्थन करना महत्वपूर्ण है।
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